September 10, 2011

डूबता जा रहा हूँ मैं

यूँ खुद से भागने की कोशिश में
देखो खुद में ही कितना
डूबता जा रहा हूँ मैं
अतीत के गहरे पानी में
डूबता जा रहा हूँ मैं
आज मैं जो भी हूँ
जो देखा सीखा इतने बरस
उनके छोटे छोटे तिनकों से
बनी हस्ती मेरी
मेरी हस्ती के इन तिनकों को
बटोरता हुआ इनमे ही
डूबता जा रहा हूँ मैं
आँखें बंद करके चलो
तो रास्ते का डर नहीं रहता
पर पहुंचोगे कहाँ
इसका भी ठिकाना नहीं फिर
जो सोची मंजिल पे पहुँचने की हो लालसा
आँखें तो खुली रखनी पड़ेंगी
अपने रास्ते के नजारों में
डूबता जा रहा हूँ मैं
जाने कहाँ भाग रहा हूँ मैं
जाने क्या बटोर रहा हूँ मैं
जाने क्या देख रहा हूँ मैं
बस, डूबता जा रहा हूँ मैं

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