July 21, 2014

बयां करें

ज़ख्मों का रंग कोई पूछे तो कैसे बयां करें
दाँतों में दर्द दबाये सोते हैं कैसे बयां करें

गर पिसने से ही गेहूं का मान लिखा है
आगे गुंथने और सिकने को क्या बयां करें

किस गुनाह का बोझ जो जलती है हर रात
शमा रो रो के धुआं होती है किस से बयां करें

उनके खत में मांगे उनने हमसे कई जवाब
किस किस की सफाई दें और क्या क्या बयां करें

भोपाली सोचता है तालाब किनारे गुज़र जाती
ज़िन्दगी कहाँ कहाँ ले आई ये किस से बयां करें  

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